छत्तीसगढ़: आरक्षण विवाद लेकर दिल्ली रवाना हुईं राज्यपाल, मंगलवार को राष्ट्रपति और पीएम से करेंगी मुलाकात
छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से विधानसभा से पारित आरक्षण संशोधन विधेयक को लेकर राज्य सरकार और राजभवन के बीच तकरार लगातार जारी है। इस बीच रविवार की शाम करीब छह बजे राज्यपाल अनुसुईया उइके दिल्ली के लिए रवाना हुईं
रायपुर, छत्तीसगढ़। छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से विधानसभा से पारित आरक्षण संशोधन विधेयक को लेकर राज्य सरकार और राजभवन के बीच तकरार लगातार जारी है। इस बीच रविवार की शाम करीब छह बजे राज्यपाल अनुसुईया उइके दिल्ली के लिए रवाना हुईं।
राज्यपाल अपने तीन दिवसीय दिल्ली प्रवास के दौरान, 20 दिसंबर को सुबह 11 बजे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात करेंगी। इसके अलावा राज्यपाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से भी मिलने के लिए समय मांगा है।
वहीं चर्चा है कि राज्यपाल छत्तीसगढ़ में आरक्षण को लेकर चल रहे विवाद के बारे में राष्ट्रपति से चर्चा कर सकती हैं। इसके अलावा राज्यपाल आदिवासियों के मुद्दे पर भी चर्चा करेंगी। वहीं 21 दिसंबर को राज्यपाल वापस प्रदेश लौटेंगी।
आरक्षण को लेकर इसलिए चल रहा है विवाद -
जानकारी के अनुसार 19 सितंबर को हाईकोर्ट ने प्रदेश में 2012 से चल रहे 58 प्रतिशत के आरक्षण को असंवैधानिक बताते हुए इसे निरस्त कर दिया था। राज्य सरकार ने इसके बाद कुल 76 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान करके विधानसभा से आरक्षण संशोधन विधेयक पारित किया है।
बता दें कि इस विधेयक में एससी के लिए 13 प्रतिशत, एसटी के लिए 32 प्रतिशत, ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत और ईडब्ल्यूएस के लिए चार प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया है। वहीं इस विधेयक को लेकर राज्यपाल असमंजस में पड़ गई हैं। राज्यपाल ने 10 बिंदुओं पर आपत्ति करके राज्य सरकार से जवाब-तलब किया है। जिससे नतीजा यह हो रहा है कि अभी तक प्रदेश में आरक्षण की शून्य स्थिति बनी हुई है।
16 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में होनी है पेशी -
जहां एक तरफ आरक्षण के संशोधन विधेयक को लेकर इंतजार है, तो वहीं दूसरी ओर 16 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में आरक्षण को लेकर लगी याचिका को लेकर सुनवाई होनी है।
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