दमोह: समय पर स्कूल नही पहुंच रहे शिक्षक, छात्रों को करना पड़ता है इंतजार
एक तरफ शिक्षा का स्तर बढ़ाने के लिए राज्य सरकार जी-जान से हर संभव प्रयास में लगी हुई है। जिससे बच्चों का भविष्य उज्जवल और बेहतर बने लेकिन अधिकारियों की मिलीभगत और शिक्षकों की मनमानी से छात्रों का भविष्य बेहतर होने की वजाय दिनों-दिन अंधकार में जा रहा है
रिपोर्ट- मनीष साहू (दमोह, मध्यप्रदेश)
मध्यप्रदेश। एक तरफ शिक्षा का स्तर बढ़ाने के लिए राज्य सरकार जी-जान से हर संभव प्रयास में लगी हुई है। जिससे बच्चों का भविष्य उज्जवल और बेहतर बने लेकिन अधिकारियों की मिलीभगत और शिक्षकों की मनमानी से छात्रों का भविष्य बेहतर होने की वजाय दिनों-दिन अंधकार में जा रहा है।
ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश के दमोह जिले के पटेरा से सामने आया है, जहां स्कूलों की हालत दयनीय बनी हुई है। क्योंकि छात्र तो समय पर स्कूल पहुंच जाते है, लेकिन शिक्षक नही पहुंचते और कुछ शिक्षक पहुंचते हैं तो मनमाने ढंग से, वही छात्रों को गेट खुलने का इंतजार करना पड़ता है।
हमारे संबाददाता निरीक्षण करने 10:40 पर स्कूल पहुंचे तो प्राथमिक शाला शोभानगर और मॉडल स्कूल में ताला लगा मिला। जैसे ही उन्होंने कैमरा चालू किया तो गेटमैन ने देख लिया और तुरंत गेट खोल दिया। जब उन्होंने अंदर जाकर देखा तो एक भी शिक्षक उपस्थिति नही था, तो वही प्राथमिक शाला शोभानगर का भी यही हाल देखा गया।
इस संबंध में जब इन स्कूलों की जानकारी लेने संकुल उत्कृष्ट विद्यालय पहुंचे तो वहां पर भी प्रिंसिपल नदारद मिले। इस प्रकार स्कूल शिक्षकों और अधिकारीयों की मिली भगत से मनमानी चल रही है और शिक्षा विभाग की आंखो में धूल झोंकी जा रही है।
अब सवाल उठता है कि जब शिक्षा के हालात और बच्चों के उज्जवल भविष्य का बीड़ा उठाने वालों के अगर ऐसे हाल रहे तो कहां तक देश और प्रदेश के बच्चे तरक्की करेंगे। यह कहीं ना कहीं सरकार और सरकार के जिम्मेदारों के लिए अहम सवाल है।
जिस पर सरकार को विशेष ध्यान देना चाहिए, ताकि सरकार द्वारा बच्चों के भविष्य के लिए जो पैसा पानी की तरह बहाया जा रहा है, उसका सदुपयोग हो सके और बेहतर शिक्षा तथा व्यवस्था के साथ बच्चे देश-प्रदेश में तरक्की करें और देश का नाम रोशन करें।
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