अरविंद केजरीवाल के डर से भाजपा ने चुनावी मैदान में उतारी अपनी सारी ताकत: राघव चड्ढा
जैसे-जैसे गुजरात में चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है वैसे-वैसे आम आदमी पार्टी ने अपना प्रचार और प्रसार काफी तेज कर दिया है। आम आदमी पार्टी राज्यसभा सांसद एवं गुजरात के सह-प्रभारी राघव चड्ढा पिछले कई दिनों से गुजरात में ताबड़तोड़ रैलियां करके जनसभाओं को संबोधित कर रहे है। वहीं आज राघव चड्ढा ने कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर भाजपा को घेरते हुए मीडिया को संबोधित किया।
गुजरात विधानसभा चुनाव 2022: जैसे-जैसे गुजरात में चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है वैसे-वैसे आम आदमी पार्टी ने अपना प्रचार और प्रसार काफी तेज कर दिया है। आम आदमी पार्टी राज्यसभा सांसद एवं गुजरात के सह-प्रभारी राघव चड्ढा पिछले कई दिनों से गुजरात में ताबड़तोड़ रैलियां करके जनसभाओं को संबोधित कर रहे है। वहीं आज राघव चड्ढा ने कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर भाजपा को घेरते हुए मीडिया को संबोधित किया।
राघव चड्ढा ने कहा कि, "पिछले कई वक्त से भारतीय जनता पार्टी के लिए गुजरात विधानसभा चुनाव एक वॉक-ओवर चुनाव होता था। यानी कि एक ऐसा चुनाव जिसमें ना प्रचार की जरूरत पड़ती थी, ना इश्तेहार की जरूरत पड़ती थी, ना दम झोंखने की जरूरत पड़ती थी, ना अपना खून-पसीना एक करने की जरूरत पड़ती थी। हर बार भाजपा ऐसे ही अपना चुनाव जीत जाती थी। लेकिन जब से गुजरात में आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल जी का आगमन हुआ है, तब से भाजपा की हवाइयां उड़ गई है, भाजपा की नींद उड़ गई है।"
उन्होंने कहा कि, "आज भाजपा को प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और अपने केंद्रीय मंत्रिमंडल के दर्जनों मंत्री गुजरात के चुनावी मैदान में उतारने पड़ रहे हैं। भाजपा को अपने 10 से ज्यादा मुख्यमंत्री 150 से ज्यादा सांसद, अनगिनत एमएलए और अनगिनत मंत्री चुनाव मैदान में उतारकर पूरी जान जोंखनी पड़ रही है और यह तो सिर्फ भाजपा का संगठन है, इसके अलावा उनकी जो सिस्टर कंसर्न है, वह सभी लगे हुए हैं कि कैसे भी करके आम आदमी पार्टी को रोको और अरविंद केजरीवाल को रोको। अब भाजपा को अरविंद केजरीवाल जी का इतना खौफ है कि उनको अपनी सारी ताकत गुजरात के चुनावी मैदान में उतारनी पड़ रही है।"
आगे उन्होंने कहा, "भाजपा का मुख्य तौर पर इस चुनाव में एक ही कैंपेन है कि डबल इंजन की सरकार बनाओ। यानी ऊपर भी भाजपा हो और राज्य में भी भाजपा हो। आज मैं आपको डबल इंजन सरकार की सच्चाई बताना चाहता हूं। पहली बार 2014 में गुजरात में डबल इंजन की सरकार बनी। 2014 से लेकर 2022 तक महंगाई रूपी राक्षस ने गुजरात एवं देश के आम आदमी की जेब पर डाका डाला है। इस चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा महंगाई है। जब 2014 में डबल इंजन की सरकार बनी तब रोजमर्रा जिंदगी की जो चीजें थी उनके दाम दो से तीन गुना बढ़ गए।"
राघव चड्ढा ने कहा कि, "दूध की एक थैली ₹36 प्रति लीटर की आती थी और आज वह साधारण दूध की थैली ₹36 से बढ़कर ₹60 प्रति लीटर की हो गई है। जब कोई मरीज इलाज करवाने प्राइवेट डॉक्टर के पास जाता था तो, वह डॉक्टर ₹300 लिया करता था, आज वो प्राइवेट डॉक्टर डबल इंजन सरकार की महंगाई की बदौलत ₹800 प्रति पेशेंट ले रहा है। CNG गैस पहले ₹40 प्रति यूनिट मिला करता था और वह CNG गैस आज बढ़कर ₹75 प्रति यूनिट हो गया है। गुजरात के हर घरों में इस्तेमाल होने वाला सिंग तेल का बड़ा डिब्बा 2014 में ₹1000 में आता था, आज डबल इंजन सरकार की बदौलत वह सिंग तेल का ₹1000 का डिब्बा ₹2800 का हो गया है। यह है डबल इंजन सरकार की डबल ट्रिपल महंगाई। जो भाजपा वालों ने गुजरात के लोगों के सर पर लाकर खड़ी की है।"
बता दे, जिस प्रकार से आम आदमी पार्टी को गुजरात की जनता का अपार समर्थन मिल रहा है उसको देखकर बाकि पार्टियों की नींद उड़ गई है। इसी को देखते हुए अब दूसरी पार्टियों की नींद उड़ती दिखाई दे रही है। गुजरात में 1 से 5 दिसंबर तक 2 चरणों में चुनाव होने है। जबकि चुनाव का रिजल्ट 8 दिसंबर को आएगा।
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