कुरुक्षेत्र: कुरुक्षेत्र पहुंचीं राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, गीता कायरता छोड़ वीरता अपनाने का संदेश देती है
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि धर्म क्षेत्र कुरुक्षेत्र और पावन ब्रह्मसरोवर के तट पर आकर उन्हें आनंद की अनुभूति हुई। राष्ट्रपति ने गीता को मानवता के लिए आध्यात्मिक उपहार बताते हुए कहा कि गीता कायरता छोड़ वीरता अपनाने का सन्देश देती है
रिपोर्ट- राजीव मेहता (कुरुक्षेत्र, हरियाणा)
हरियाणा। हरियाणा की धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय गीता संगोष्ठी में भाग लेने पहुंची, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि धर्म क्षेत्र कुरुक्षेत्र और पावन ब्रह्मसरोवर के तट पर आकर उन्हें आनंद की अनुभूति हुई। राष्ट्रपति ने गीता को मानवता के लिए आध्यात्मिक उपहार बताते हुए कहा कि गीता कायरता छोड़ वीरता अपनाने का सन्देश देती है।
राष्ट्रपति ने ई-टिकटिंग परियोजना और मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सर्वेक्षण योजना लागू करने पर हरियाणा सरकार की पीठ थपथपाई। उन्होंने कहा कि ओपन लूप टिकटिंग प्रणाली से परिवहन व्यवस्था कुशलता से संचालित होगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सर्वेक्षण योजना का प्रथम चरण हरियाणा में लागू होने से उन्हें बहुत खुशी हुई है।
वहीं हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपने जनता को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति के आगमन की प्रशंसा की और कहा कि अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती के शुभ अवसर पर राष्ट्रपति मुर्मू जी का आगमन हरियाणा सरकार के साथ-साथ प्रदेश की जनता के लिए भी बेहद अहम है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति मुर्मू जी गीता कर्म योग की साक्षात प्रतिमूर्ति है। जिन्होंने बाधाओं के बावजूद दृढ़ संकल्प के बल पर न सिर्फ राष्ट्रपति बन कर दिखाया है बल्कि उन्होंने ये भी साबित किया है, कि देश में गरीब सिर्फ सपने देख ही नही सकता, बल्कि उसे पूरा भी कर सकता है।
उन्होंने कहा कि आज राष्ट्रपति मुर्मू जी के कर कमलों से प्रदेश को 3 नई परियोजनाओं की सौगात मिली है। मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सर्वेक्षण योजना, सिरसा में मेडिकल कॉलेज व हरियाणा सार्वजनिक सड़क परियोजना ई-टिकटिंग प्रणाली देश की पहली प्रणाली है, जो कि राष्ट्रपति मुर्मू जी के कर कमलों से आरंभ हुई है।
वहीं हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने अपने संबोधन में कहा कि अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव पर राष्ट्रपति मुर्मू जी का आगमन हमारे लिए बेहद अहम है। उन्होंने आगे कहा कि गीता असमंजसता यानि किंकर्तव्यविमूढ़ व्यक्ति के जीवन को नया मोड़ दे सकती है। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय के अनुसार आतंकवाद से निपटने की समस्या का समाधान भी गीता में ही निहित है।
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