बुरहानपुर, मध्य प्रदेश। मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार और भाजपा के लिए इसे बड़ी उपलब्धि कहा जा सकता है, कि यहां के विकास कार्यों और बढ़ते इंफ्रास्ट्रक्चर को देखकर पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र के लोग मध्य प्रदेश में शामिल होने की मांग करने लगे हैं। महाराष्ट्र के अमरावती जिले की धारणी तहसील के अधिकांश गांवों के लोग मध्य प्रदेश में शामिल करने की मांग कर रहे हैं।
इस तहसील में 63 पंचायतें और 154 गांव हैं। शुक्रवार शाम देड़तलाई के पास मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की सीमा पर एकत्र हुए 50 से ज्यादा लोगों ने अपनी इस मांग को लेकर प्रदर्शन किया। उन्होंने राष्ट्रपति और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को पत्र भेज कर धारणी तहसील को मध्य प्रदेश में शामिल करने की मांग की है।
आवागमन के लिए क्षेत्र में सड़कें तक नहीं -
अमरावती जिला परिषद सदस्य रामप्रसाद पाल ने बताया कि धारणी तहसील करीब 150 कि.मी. में फैली है। इसके 70 गांव मध्य प्रदेश की सीमा से लगे हुए हैं। धारणी से अमरावती की दूरी 190 कि.मी. है। यहां न तो स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हैं और न ही आवागमन के लिए बेहतर सड़क हैं। 70 कि.मी. से ज्यादा का मार्ग कई साल से जर्जर है। किसी मरीज को यदि अमरावती ले जाना हो तो वह रास्ते में ही दम तोड़ देता है।
यही वजह है कि अधिकांश गांवों के लोग व्यापार और सामान खरीदने के साथ ही इलाज के लिए भी बुरहानपुर, खंडवा और बैतूल जाते हैं। इन जिलों की धारणी से दूरी 50 कि.मी. के आसपास है। उन्होंने यह भी बताया कि बीते 30 साल से यह क्षेत्र कुपोषण से जूझ रहा है। बावजूद इसके सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए। इस क्षेत्र में उद्योग धंधे और रोजगार के साधन भी ज्यादा नहीं हैं।
लोग हिंदी में और अफसर मराठी में करते हैं बात -
प्रदर्शन कर रहे लोगों ने बताया कि दुर्गम क्षेत्र होने के कारण महाराष्ट्र सरकार इस क्षेत्र पर ध्यान नहीं देती। कोई भी योजना यहां सबसे अंत में पहुंचती है। अधिकांश गांवों के लोग हिंदी में बातचीत करते हैं, जबकि महाराष्ट्र सरकार के अफसर मराठी में बात करते हैं।
जिसके कारण उनके बीच ठीक तरह से संवाद भी नहीं हो पाता। लोगों ने कहा कि इसके विपरीत मध्य प्रदेश में बेहतर सड़कें, स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा और उद्योग धंधे हैं। जिससे लोगों को प्रगति करने का पूरा अवसर मिलेगा।
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First Updated : Saturday, 31 December 2022