दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार और दिल्ली के उप राज्यपाल के बीच तनातनी जारी है। फिलहाल ये तनातनी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के उस फैसले को लेकर है जिसमें उन्होंने दिल्ली के सरकारी स्कूल के कुछ शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड भेजने के लिए लिया था। लेकिन मुख्यमंत्री के इस निर्णय पर दिल्ली के उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने रोक लगा दी है। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने इसी को लेकर दिल्ली के उपराज्यपाल पर हमला किया है।
उन्होंने इस संबंध में एक ट्वीट जारी किया है जिसमें उन्होंने लिखा कि "दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे लाखों बच्चों के अच्छे भविष्य के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल दिल्ली के सरकारी स्कूल के शिक्षकों को विदेश में ट्रेनिंग के लिए भेजना चाहते हैं। एलजी साहब ने तानाशाही दिखाते हुए इस फैसले को रूकवा दिया। क्या अब बच्चों से भी दुश्मनी निकालेंगे।"
इससे पहले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट और एक प्रेस वार्ता के जरिये इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि" हमें दिल्ली की जनता ने चुन कर भेजा, हमारी सरकार है और हम पैसे बचाकर अपने शिक्षकों को विदेश भेज रहे हैं तो किसी को क्यों आपत्ति होनी चाहिए। हमारे देश में नेता और अफसर तो खूब विदेश जाते हैं, लेकिन पिछले 75 साल में किसी ने भी शिक्षकों को विदेश नहीं भेजा। देश में दिल्ली सरकार पहली सरकार है, जो अपने टीचर और प्रिंसिपल को ट्रेनिंग के लिए विदेश भेजती है।"
वहीं, दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी कहा था कि" एलजी ने कास्ट बेनिफिट एनालेसिस करने का कुतर्क देकर दिल्ली सरकार के 30 शिक्षकों के फिनलैंड में प्रस्तावित प्रशिक्षण पर रोक लगा दी है। एलजी बताएं कि दिल्ली सरकार के स्कूलों मे आए परिवर्तन, बच्चों-अभिभावकों के बढ़ते आत्मविश्वास, शानदार रिजल्ट का कास्ट बेनिफिट एनालेसिस क्या होगा? क्या 99.6 प्रतिशत परीक्षा परिणाम, सरकारी स्कूलों के सैकड़ों बच्चों का आईआईटी-मेडिकल में दाखिला इसका लाभ नहीं है।"
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Delhi: आप के प्रदर्शन के बीच सीएम केजरीवाल और डिप्टी सीएम से मिलने को तैयार हुए एलजी First Updated : Monday, 16 January 2023