उत्तराखंड के जोशीमठ में हालात नाजुक हैं। बताया जाता है कि प्रशासन ने अब तक 68 परिवारों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट कर दिया है जबकि 603 घरों में अब भी दरारें पड़ी हुई हैं। स्थानीय लोग हैरान और परेशान हैं कि वह क्या कहें और अपनी संपत्ति को छोड़कर कहां जाएं।
इधर खबर मिली है कि जोशीमठ नगर पालिका और आसपास के क्षेत्र में सभी निर्माण कार्य पर अग्रिम आदेश तक रोक लगाई है।बताया जाता है कि घरों में दरार पड़ने की समस्या उन इलाकों में ज्यादा है जहां नयी बसावट है।इन इलाकों में रहने वालों का रो-रोकर बुरा हाल है क्योंकि उनको अपने आशियाने उजड़ते हुए दिखायी दे रहे हैं। हालांकि प्रशासन मुस्तैद है और विस्थापित लोगों को राहत सामग्री और गर्म कपड़े बांटे जा रहे हैं।
आपदा प्रबंधन विभाग ने अधिसूचना जारी की है जिसमें जोशीमठ नगर पालिका क्षेत्र को आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित किया है। भारत सरकार की तरफ से जल शक्ति मंत्रालय की हाई लेवल टीम और गृह मंत्रालय से सीमा प्रबंधन के सचिव की टीम जोशीमठ आ रही है।आज मुख्यमंत्री धामी NDMA की टीम से मुलाकात कर रहे हैं।प्रधानमंत्री कार्यालय भी इस मामले में अपनी नजरें बनाए हुए है।प्रधानमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों के साथ बैठक कर हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है।
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